तुलसी के उपयोग और इसके स्वास्थ्य लाभ
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भारत में तुलसी (Holy Basil) को सिर्फ एक पौधा नहीं, बल्कि एक पूजनीय औषधि माना जाता है। यह लगभग हर भारतीय घर में पाया जाता है और इसके धार्मिक, आयुर्वेदिक और स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण इसे विशेष महत्व दिया जाता है। आज के इस लेख में हम तुलसी के विभिन्न उपयोगों और इसके अनेक स्वास्थ्य लाभों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
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🌱 तुलसी के प्रकार:
तुलसी के मुख्यतः तीन प्रकार होते हैं:
1. हरी पत्तियों वाली,
2. काली या गाढ़ी बैंगनी पत्तियों वाली,
3. जंगलों में पाई जाती है, जड़ी-बूटी के रूप में प्रयुक्त होती है
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💡 तुलसी के उपयोग:
तुलसी के पत्ते, बीज, जड़ और तेल का उपयोग विभिन्न प्रकार की औषधियों और घरेलू उपचारों में किया जाता है। आइए जानते हैं तुलसी किन-किन तरीकों से हमारे काम आती है
बुखार, जुकाम, निमोनिया, इन्फ्लुएंजा, मलेरिया आदि रोगों के होने पर तुलसी, अदरक, काली मिर्च, पतासे का काढ़ा पीना चाहिए तथा रोगी को तुलसी के 4 पत्ते व एक लौंग डालकर उबाला गया पानी बार-बार पिलावें। इससे शीघ्र लाभ मिलता है।
1. सर्दी-खांसी और जुकाम में लाभकारी:
तुलसी के पत्तों का काढ़ा या चाय पीने से सर्दी, खांसी, गले में खराश, और बंद नाक में आराम मिलता है।
घरेलू नुस्खा:
5-7 तुलसी की पत्तियां, अदरक और काली मिर्च के साथ उबालें और दिन में 2 बार सेवन करें।
जुकाम होने पर एक-दो दिन कुछ भी नहीं खायें तो अच्छा है। जब भी प्यास लगे गर्म पानी पीयें। कब्ज हो तो कब्ज दूर करने वाली कोई चीज लें। इसके लिए लेखक की पुस्तक "क्या खायें और क्यों" में कब्ज का पाठ पढ़ें। सामान्यतः जुकाम इसी से ठीक हो जाती है। यदि ओषधि की आवश्यकता हो तो निम्न उपयोग करें-
- सेंधा नमक चौथाई चम्मच
- पिसी हुई सौंठ चौथाई चम्मच
- काली मिर्च.. पाँच पिसी हुई
- तुलसी के पत्ते.. 15
इनको एक गिलास पानी में उबालें। जब उबलते-उबलते आधा पानी रह जाये तो छान कर रात को सोते समय पीयें। इसके बाद ठंडा पानी न पीयें। जुकाम ठीक हो जायेगा। यह एक-दो दिन करने की आवश्यकता हो सकती है।
सौ तुलसी के पत्ते पीस कर दो चम्मच शहद में मिलायें। इसमें एक चम्मच अदरक का रस मिलायें। ये सुबह, शाम दो बार पिलायें। ज्वर, खाँसी में लाभ होगा।
गले में दर्द तेज बोलने से गले में दर्द हो तो बीस तुलसी के पत्ते पीस कर एक चम्मच शहद मिला कर चाटें।
2. इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक:
तुलसी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। यह एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है।
उपयोग: रोज़ सुबह तुलसी की 4-5 पत्तियां चबाना या उसका रस लेना फायदेमंद होता है।
3. तनाव और चिंता और सिर दर्द में राहत:
तुलसी में मौजूद एडेप्टोजेनिक तत्व तनाव को कम करने में सहायक होते हैं। यह मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है।
उपयोग: (1)तुलसी की चाय या उसके पत्तों का सेवन नियमित करने से मूड बेहतर होता है।
(2) तीस पत्ते तुलसी के पीस कर एक चम्मच शहद में मिलाकर चाटने से सिर दर्द दूर हो जाता है। पुराने रोगी इसे एक, दो माह तक करें।
(3) तीस तुलसी के पत्ते, बारह काली मिर्च और एक गाँठ लहसुन को छील कर सबको पीसें। पीसते समय चौथाई चम्मच पानी डाल लें। फिर पिसी हुई लुगदी को पतले कपडे में लेकर निचोड़ कर शीशी में भर लें। इसे जोर से सूंघे। इससे पुराना सिर दर्द ठीक हो जाता है।
A. बेहतर नींद के लिए उपयोगी:
पाँच पत्ते तुलसी के खायें और सी पत्ते तकिये के आस-पास फैला दें। तुलसी के इन पत्तों की गन्ध से नींद अच्छी आयेगी।
4. पाचन तंत्र को मजबूत करती है:
तुलसी गैस, अपच, पेट दर्द और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत देती है। यह पाचन क्रिया को सुचारू बनाती है।
घरेलू उपाय: भोजन के बाद तुलसी और अदरक की चाय पीने से पाचन बेहतर होता है।
A. अपच ठीक करने में:
(1) एक मुट्ठी भर तुलसी के पत्ते, दस ग्राम सौंठ, बीस ग्राम गुड़ सब पीस कर गोलियाँ बना लें। एक-एक गोली नित्य तीन बार खायें।
(2) चौथाई चम्मच काला नमक और 50 तुलसी के पत्ते पीस कर खा जायें और एक गिलास पानी पीयें। अपच दूर हो जायेगी।
B. कब्ज दूर करने में:
(1) 50 पत्ते तुलसी के, जरा-सा टुकड़ा अदरक, स्वादानुसार काला नमक सब पीस
कर चाटें।कब्ज दूर हो जायेगी। टट्टी साफ आयेगी।
(2) सौ तुलसी के पत्ते, एक चम्मच एक-एक गोली लें। कब्ज दूर हो जायेगी। गुलाबी फिटकरी पीसकर चने के बराबर गोलियाँ बनाकर छाया में सुखा लें तथा खाने के बाद।
5. डायबिटीज में सहायक:
तुलसी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी है।
कैसे लें: तुलसी की 5-7 पत्तियों का खाली पेट सेवन करने से फायदा होता है।
6. त्वचा की समस्याओं में फायदेमंद:
तुलसी के एंटीबैक्टीरियल गुण त्वचा की एलर्जी, मुंहासे और संक्रमण में राहत देते हैं।
उपयोग: तुलसी का पेस्ट चेहरे पर लगाने से मुंहासों में राहत मिलती है।
7. बालों के लिए उपयोगी:
तुलसी का प्रयोग डैंड्रफ, बाल झड़ने और स्कैल्प की खुजली में किया जाता है।
उपयोग: तुलसी का रस नारियल तेल में मिलाकर बालों की जड़ों में लगाने से फायदा होता है।
8. सांस की बीमारियों में राहत:
अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य सांस संबंधी रोगों में तुलसी राहत देती है।
घरेलू उपाय: तुलसी, शहद और अदरक को मिलाकर सुबह-सुबह लेने से सांस संबंधी समस्याएं कम होती हैं।
9. दिल को मजबूत बनाने सहायक:
तुलसी कोलेस्ट्रॉल को कम करने और ब्लड प्रेशर को संतुलित करने में मदद करती है, जिससे दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा कम होता है।
10. दाँत निकलना छोटे बच्चों के :
बच्चों के दाँत निकलने में तुलसी के पत्तों के रस में असली शहद मिला कर बच्चों के मसूड़ों पर मालिश करें और साथ ही बच्चों को चटाएँ, बच्चों के दाँत आसानी से निकलेंगे।
11.दाद ठीक करने में:
(1) सौ पत्ते तुलसी के चौथाई चम्मच नमक पर आधा नीबू निचोड कर पीस कर दाद पर नित्य दो बार लेप करें।
(2) सौ पत्ते तुलसी के 5 कली लहसुन, दोनों को पीसकर दाद पर लेप करें।
(3) दाद को साफ कर के पहले नीबू का रस लगायें फिर तुलसी की पत्तियों की चटनी का लेप करें। इनमें से कोई-सा एक प्रयोग कम-से-कम 15 दिन प्रयोग करें। दाद ठीक हो जायेगा।
13. लू लगने पर:
गर्मी के मौसम में तेजी से लू चलती है। वैसे भी बुखार, सिरदर्द का भय रहता है, घर से बाहर निकलने से पहले तुलसी के पत्ते खा लें, लू नहीं लगेगी और सिर दर्द नहीं होगा।
14. सूजन कम करने में सहायक:
तुलसी के पत्तों का लेप जहाँ सूजन हो वहाँ करने से सूजन में लाभ होता है। यदि दाँत दर्द से जबड़े पर सूजन हो तो वह भी ठीक हो जाती है।
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🧪 तुलसी के औषधीय गुण:
गुण फायदे
एंटीऑक्सीडेंट कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है
एंटीबैक्टीरियल बैक्टीरिया से लड़ता है
एंटीवायरल वायरस से शरीर की रक्षा करता है
एंटीफंगल फंगल इन्फेक्शन में कम करने में
एंटी-इंफ्लेमेटरी सूजन कम करता है
एंटीडायबिटिक शुगर नियंत्रण में सहायक
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⚠️ तुलसी सेवन में सावधानियां:
- तुलसी का अत्यधिक सेवन ना करें।
- प्रेगनेंसी में तुलसी का सीमित मात्रा में ही सेवन करें।
- खून पतला करने वाली दवाओं के साथ तुलसी का सेवन डॉयेक्टर की सलाह से करें।
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सलाह:
तुलसी एक ऐसी औषधीय जड़ी-बूटी है जो न सिर्फ धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत उपयोगी है। नियमित रूप से तुलसी का सेवन करने से अनेक बीमारियों से बचाव होता है और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।
Fit Zindgi के माध्यम से हमारा यही उद्देश्य है कि हम आप तक प्राकृतिक जीवनशैली और घरेलू नुस्खों की जानकारी पहुँचाएं।
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